Wednesday, March 2, 2011

मैं आग जलाना चाहता हु ...



मैं
आग जलाना चाहता हु ,
खत्म करना चाहता हु
उस पाखंड को ,
जो हिलाता हैं उस नीव को ,
जो हमारे दिलो मैं हैं .

मैं आग
जलाना चाहता हु ,
खत्म करना चाहता उस दिन के अँधेरे को,
जो डरता हैं मेरे आत्मविश्वास को,
जो धकेलता हैं मुझे अंधियारी गुफा मैं.

मैं आग
जलाना चाहता हु,
खत्म करना चाहता हु उस डर के अहसास को,
जो दिलो मैं गांठ बनता हैं,
जो जीने का राग भूलता हैं.

मैं आग
जलाना चाहता हु ,
पाना चाहता हु नयी दिशा,
जो दे जीने की नयी राह,
दिखा दे दुनिया को,
दिलो मैं हैं नयी चाह,
मैं आग
जलाना चाहता हु .

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